Friday, September 3, 2010

जिन्‍दगी और मौत के संघर्ष में 28 दिनों से साहस के साथ डटे हैं चिली के 33 खदान मजदूर।

गत 5 अगस्‍त को चट्टान ढहने से सुरंग के एक हिस्‍से के अवरुद्ध हो जाने के कारण चिली के 33 खदान मजदूर धरती की सतह से 700 मीटर नीचे जिन्‍दगी और मौत का संघर्ष कर रहे हैं। दो दिन के आहार की आपूर्ति पर इन मजदूरों ने 17 दिन तक अपने आप को जीवित रखा जब उनसे पहली बार संपर्क स्‍थापित हुआ और पता चला कि सभी 33 मजदूर जीवित और स्‍वस्‍थ हैं।

सुखद बात यह है कि अब इन मजदूरों के साथ लगातार संपर्क बना हुआ है, वे अपने प्रियजनों से संक्षिप्‍त बातचीत भी कर पा रहे हैं और उन्‍हें खाने-पीने की चीजें, दवाइयां, और टीके पहुंचाए गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अभी सबसे जरूरी चीज यह है कि वे उम्‍मीद न हारें और उनका मनोबल बढ़ाया जाए। एक विशेषज्ञ का कहना है कि ऐसी स्थिति में भी उन्‍हें रोजमर्रे का अपना एक कार्यक्रम बनाना चाहिए और उसका पालन करना चाहिए वर्ना ऐसे समय में जबकि आप ऐसी स्थिति में फंसे हों और कुछ कर न रहे हों तो निराशा पैठने की संभावना रहती है।

इन 33 खदान कर्मियों को निकालने के लिए युद्धस्‍तर पर प्रयास किए जा रहे हैं पर यह जानकर निराशा हो सकती है कि अगर सबकुछ ठीक रहा तो भी उन्‍हें बाहर निकालने में लगभग 4 महीने का समय लग सकता है। उन्‍हें निकालने के लिए जो दूसरी सुरंग खोदी जा रही है उससे उत्‍पन्‍न होने वाले डेब्रिस को भी इन 33 मजदूरों को ही मेहनत करके हटाना होगा ताकि वे नई सुरंग तक पहुंच सकें और उन्‍हें बारी-बारी एक-एक करके निकाला जा सके।

चीन की तरह हालांकि चिली खदान दुर्घटनाओं के लिए कुख्‍यात नहीं है लेकिन फिर भी हम महसूस कर सकते हैं कि खदान कर्मियों का काम कितना जोखिम भरा होता है। हर साल दुनियाभर में कितने ही खदान मजदूरों की दुर्घटनाओं में मौत हो जाती है। कितनों की मौत तो खबर भी नहीं बन पाती। इसमें सबसे खतरनाक बात यह है कि ज्‍यादातर दुर्घटनाएं सुरक्षा उपायों की कमी या जोखिम भरे क्षेत्रों में खनन गतिविधियों के कारण होती है। खदानों का काम इतना जोखिम भरा होता है कि कहीं और काम न मिलने पर मजबूरी में ही कोई मजदूर खदानों की तरफ रुख करता है। चिली के कैपियापो शहर की तांबे और सोने की जिस सैन एस्‍टेबार खदान में यह दुर्घटना हुई वहां भी गैरकानूनी ढंग से काम हो रहा था। यही कारण है कि इस दुर्घटना के बाद खदान के मालिक ने मीडिया के सामने मजदूरों से क्षमायाचना की।

पर अभी तो पूरी दुनिया सांस थामे उन 33 खदान कर्मियों की सुरक्षा और कुशलता की कामना कर रही है। संकट की इस घड़ी में पूरी दुनिया के मजदूरों और लोगों की शुभकामनाएं इन मजदूरों और उनके परिवार वालों के साथ हैं। हमें पूरा विश्‍वास है कि ये सभी खदान कर्मी हर प्रकार की निराशा को फतह करते हुए सकुशल वापस लौटेंगे।

हमारी कोशिश रहेगी कि चिली की खदान में फंसे इन 33 मजदूरों के बारे में आपको नियमित अपडेट देते रहें।

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