यूनानी कवि ओडिसियस एलाइटिस की ये पंक्तियां जो मुझे बहुत पसंद हैं, मैं आप सबके साथ साझा करना चाहता हूं.........
जब तक कि चेतना पदार्थ में वापस नहीं लौटती
हमें दोहराते रहना होगा
कि दुनिया में कोई छोटे और बड़े कवि नहीं- सिर्फ मनुष्य हैं,
कुछ ऐसे जो कविताएं ऐसे लिखते हैं
जैसे वे पैसा कमाते हैं
या वेश्याओं के साथ सोते हैं
और कुछ ऐसे मनुष्य , जो ऐसे लिखते हैं
जैसे प्रेम के चाकू ने उनका दिल चीर दिया हो...........
4 comments:
सुंदर पंक्तियां। धन्यवाद।
बढ़िया पंक्तियां.
आप की पसंद लाजवाब है।
बेहतरीन...
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